Wed. Oct 22nd, 2025

नदी किनारे घरों को निहारते लोग, भगवान से मांग रहे सुरक्षा

दून घाटी में सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भयंकर तबाही मचाई। सहस्रधारा नदी के उफान और मलबे के कारण 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 से अधिक लोग लापता हैं। प्रशासन ने 13 मौतों, तीन घायलों और 13 लापता लोगों की पुष्टि की है। मौठ नदी में दो पुराने शव भी बरामद हुए हैं। नदी के किनारे बसे लोग अपने घरों को खतरे में देखकर भगवान से उनकी रक्षा की प्रार्थना कर रहे हैं।

सहस्रधारा में मलबे का कहर

सहस्रधारा नदी के किनारे बसे लोगों की जिंदगी खतरे में है। रात करीब 1 बजे और फिर 4:30 बजे बादल फटने से नदी में तेज बहाव के साथ भारी मलबा और पत्थर आए, जो घरों से टकराए। प्रभावित पुष्पा, अंशिका, मोतीलाल वर्मा और नीरज कुमार जैसे लोग रात से अपने घरों के बाहर बैठे हैं, आंखों में आंसुओं और डर के साथ। उनका कहना है कि 25 सालों में पहली बार उन्होंने प्रकृति का ऐसा प्रकोप देखा है। “जान तो बच गई, लेकिन जिंदगी भर की कमाई खतरे में है,” पुष्पा ने बताया।

घर और पूंजी पर मंडराया खतरा

नदी के दूसरे छोर से लोग अपने घरों को निहार रहे हैं, डर है कि पानी बढ़ने से उनकी जिंदगी की पूंजी डूब जाएगी। कई लोगों ने बताया कि प्रशासन ने रात में ही उन्हें घर खाली करने को कहा। प्रभावितों ने अपने गहने, पढ़ाई के दस्तावेज और जरूरी कागजात तो बचा लिए, लेकिन बाकी सामान घरों में ही छूट गया। नदी किनारे बनी दुकानें भी खतरे में हैं। भूख और ठंड में रात गुजार रहे लोग अब प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगा रहे हैं।

पीड़ितों की प्रार्थना और चिंता

“हे विधाता, कन रुठि तू, त्वै तें दया भि नि आई,” यह शब्द हर प्रभावित की जुबान पर हैं। लोग भगवान से अपने घरों और दुकानों को बचाने की प्रार्थना कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर उनके घर ढह गए, तो उनकी जिंदगी की सारी कमाई बर्बाद हो जाएगी। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किए हैं, लेकिन खराब मौसम और मलबे ने बचाव कार्यों को मुश्किल बना दिया है।

राहत और बचाव कार्य

प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं, जो लापता लोगों की तलाश और प्रभावितों की मदद में जुटी हैं। सहस्रधारा और आसपास के क्षेत्रों में सड़कों और दुकानों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। स्थानीय लोग तत्काल भोजन, आश्रय और सड़क बहाली की मांग कर रहे हैं।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *