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उत्तराखंड में दो मित्रों ने मिलकर सरकारी स्कूल का कायाकल्प किया

रुद्रपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रविंद्रनगर में प्रधानाध्यापक केके शर्मा और सहायक अध्यापक कीर्ति निधि शर्मा की अनोखी मित्रता ने शिक्षा के क्षेत्र में चमत्कारी परिवर्तन लाया है। इन दोनों ने मिलकर स्कूल का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया, जिससे यह अब कान्वेंट स्कूलों के समकक्ष खड़ा हो गया है। वे अपने वेतन का हिस्सा दान करके 200 छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्जवल बना रहे हैं और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

फिल्म ‘शोले’ के जय और वीरू की मित्रता की लोग मिसाल देते हैं, उसी तरह ऊधम सिंह नगर जिले में यह दोस्ती सरकारी शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है और व्यवस्था को आईना भी दिखा रही है। इस मित्रता ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय रविंद्रनगर की छवि को पूरी तरह नया रूप दिया है।

प्रधानाध्यापक केके शर्मा और सहायक अध्यापक कीर्ति निधि शर्मा ने स्कूल में आने के बाद से ही शिक्षा के साथ-साथ स्कूल के भौतिक और शैक्षिक ढांचे को बेहतर करने का बीड़ा उठाया। स्कूल की सुंदरता और पठन-पाठन की गुणवत्ता अब कान्वेंट स्कूलों के बराबर हो गई है। अपनी मेहनत, लगन और वेतन के अंशदान से वे 200 छात्र-छात्राओं के भविष्य को संवारने और स्कूल को शिक्षा का मंदिर बनाने में जुटे हैं।

रुद्रपुर निवासी केके शर्मा और कीर्ति निधि शर्मा ने एक साथ पढ़ाई की है और सामाजिक आंदोलनों व अभियानों के दौरान एक-दूसरे से गहरी दोस्ती की। वर्ष 2009 में कीर्ति और 2015 में केके शर्मा इस स्कूल में नियुक्त हुए। यहीं से उन्होंने सामान्य सरकारी स्कूल की दशा और दिशा बदलने का संकल्प लिया।

कान्वेंट स्कूलों की तरह छात्र-छात्राओं को स्मार्ट क्लास का अनुभव देने के लिए उन्होंने अपने घर से टीवी और डीवीडी प्लेयर स्कूल में लगवाए। यहां के बच्चे अब संस्कृत में वार्तालाप भी कर सकते हैं, जो उनकी शिक्षा की गुणवत्ता को दर्शाता है।

केके शर्मा कहते हैं, “स्कूल और बच्चों के हित में हम दोनों हमेशा एकजुट रहते हैं। बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी हम पर है, और उनके सर्वांगीण विकास के लिए बेहतर माहौल बनाना हमारा लक्ष्य है।”

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