Wed. Oct 22nd, 2025

पशु अधिकार कार्यकर्ता जानवरों के लिए स्वतंत्रता चाहते हैं

यहां पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने शनिवार को बुद्ध मंदिर में एक प्रदर्शन में सभी जानवरों के लिए आजादी की मांग की। इस कार्यक्रम में कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनके हाथों में ‘डेयरी मातृत्व को नष्ट कर देता है,’ ‘मांस हत्या है’ जैसे संदेश लिखी तख्तियां थीं। कार्यकर्ताओं ने उन उद्योगों के गुप्त फुटेज भी दिखाए जहां जानवरों का शोषण किया जाता है, जिसमें गायों और भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान, डेयरी फार्मों में बछड़ों को मां से अलग करना और एक दिन के नर चूजों की चोंच उतारना और कुचलना शामिल है।

एक्टिविस्ट अनुरूपा ने कहा, “इतनी क्रूरता, दुर्व्यवहार और उल्लंघन इसलिए हो रहे हैं क्योंकि हम जानवरों को संसाधन के रूप में देखते हैं न कि संवेदनशील प्राणी के रूप में।”

एक अन्य कार्यकर्ता अंकुर नेगी ने कहा कि अगर लोग सच्चाई जानने के बाद भी पशु उत्पादों की मांग करते रहेंगे, तो मानवीय लालच के कारण जानवर पीड़ित होते रहेंगे। उन्होंने कहा, “यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम पहले उनका शोषण बंद करें और उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहें।”

ख़ुशी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जातिवाद, नस्लवाद और कई अन्य पूर्वाग्रह साथी मनुष्यों को पीड़ा पहुँचाते हैं। इसी तरह, यह विश्वास कि मनुष्य जानवरों से श्रेष्ठ हैं और हम उनके साथ जो चाहें कर सकते हैं, यह चुनना और चुनना कि किन जानवरों को जीने का अधिकार है और किसे नहीं, अरबों जानवरों को अकल्पनीय पीड़ा दे रहा है – भेदभाव का एक रूप जिसे प्रजातिवाद कहा जाता है .

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *