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मूसलधार बारिश से उत्तराखंड बेहाल, पिथौरागढ़ में भूस्खलन से संकट गहराया

उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेजम, बंगापानी, डीडीहाट और धारचूला क्षेत्रों में मूसलधार बारिश के चलते कई मार्गों पर आवाजाही ठप हो गई है। टनकपुर-तवाघाट हाईवे समेत कई अहम सड़कें भूस्खलन और जलप्रवाह की वजह से बंद हो गई हैं, जिससे चीन सीमा से संपर्क टूट गया है। मुनस्यारी तहसील पूरी तरह से अलग-थलग हो गई है।

भारी वर्षा के आंकड़े और प्रभाव
तेजम में 120 मिमी और बंगापानी में 112 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इस भारी बारिश ने तेजम और बंगापानी तहसीलों के दो-तिहाई क्षेत्रों को प्रभावित किया है। धारचूला और बंगापानी में कई पुल और पैदल मार्ग बह चुके हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित है।

संपर्क मार्गों की स्थिति
टनकपुर-तवाघाट हाईवे, तवाघाट-लिपुलेख मार्ग, जौलजीबी-मुनस्यारी और थल-मुनस्यारी जैसे महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग बंद हैं। इससे चीन सीमा तक जाने वाले मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और मुनस्यारी तहसील का संपर्क बाकी क्षेत्रों से कट गया है।

भूस्खलन और संपत्ति को नुकसान
बंगापानी तहसील के बाँसबगड़ क्षेत्र में एक मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जबकि तीन अन्य मकान भूस्खलन की जद में हैं और खतरे की स्थिति में हैं। एक पेयजल लाइन बह गई है। जाराजिबली गांव में भी भारी भूस्खलन की सूचना है।

नदी-नाले उफान पर
क्षेत्र की सभी छोटी-बड़ी नदियाँ और नाले उफान पर हैं। काली नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से केवल 0.80 मीटर नीचे दर्ज किया गया है, जिससे जलसंकट और बाढ़ की आशंका बनी हुई है।

मार्ग बंद, गांवों से संपर्क टूटा
धारचूला के उमचिया पुल और बंगापानी के बरम-कनार पैदल मार्ग के बह जाने से कनार गांव का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। कुल मिलाकर 28 सड़कें और कई पैदल मार्ग बंद हो चुके हैं, जिससे स्थानीय लोग रोडवेज, टेम्पो और वैकल्पिक रास्तों से आने-जाने को मजबूर हैं।

प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है, लेकिन लगातार बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्यों में कठिनाई आ रही है।

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