जिले के सरकारी इंटर कॉलेजों में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जिला योजना के तहत 59.30 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई है। इस राशि से स्कूलों में आधुनिक प्रयोगशालाओं का निर्माण और आवश्यक उपकरणों की खरीद की जाएगी, ताकि छात्र-छात्राओं को बेहतर वैज्ञानिक शिक्षा और प्रायोगिक अनुभव प्राप्त हो सके।
धनराशि का विवरण
जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी डॉ. मुकेश सिंह नेगी ने बताया कि जिला योजना के अंतर्गत सामान्य मद में 40 लाख रुपये और अन्य मद में 19.30 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस धनराशि का उपयोग इंटर कॉलेजों में प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से स्कूलों में विज्ञान विषयों से संबंधित प्रायोगिक शिक्षा को नया आयाम मिलेगा।
छात्रों को मिलेगा लाभ
डॉ. नेगी ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य विज्ञान विषयों में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक शिक्षा के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराना है। आधुनिक उपकरणों और सुसज्जित प्रयोगशालाओं की उपलब्धता से न केवल छात्रों का शैक्षिक स्तर सुधरेगा, बल्कि उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा और अनुसंधान क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा विभाग की प्रतिबद्धता
शिक्षा विभाग ने इस योजना के तहत यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है कि सभी सरकारी इंटर कॉलेजों में प्रयोगशालाएं न केवल स्थापित हों, बल्कि वे आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित भी हों। इसके लिए उपकरणों की खरीद के साथ-साथ शिक्षकों को भी प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना है, ताकि वे इन सुविधाओं का अधिकतम उपयोग कर सकें।
भविष्य की योजनाएं
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने भविष्य में इस तरह की योजनाओं को और विस्तार देने की बात कही है। अगले चरण में अन्य विषयों जैसे गणित और कम्प्यूटर विज्ञान के लिए भी संसाधनों को बढ़ाने की योजना है, ताकि समग्र शिक्षा प्रणाली को और सशक्त किया जा सके।
यह कदम जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो छात्रों को भविष्य में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।