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हर्षिल झील का जलजमाव हटाने को प्रशासन की पहल

भगीरथी नदी में हर्षिल क्षेत्र के पास बनी झील से पानी का दबाव कम करने और जल प्रवाह सुचारू करने के लिए प्रशासन ने विशेष अभियान चलाया। इस झील से अचानक कटाव या टूटने की स्थिति में धराली और आसपास के पहले से आपदा प्रभावित क्षेत्रों को खतरा उत्पन्न हो सकता था।

अधिकारियों के अनुसार, यूजेवीएन लिमिटेड और सिंचाई विभाग के 30 सदस्यीय दल के साथ एनडीआरएफ के जवान इस अभियान में लगे। श्रमिकों ने हाथों से लकड़ियां काटकर और मलबा हटाकर नदी का प्रवाह साफ किया। साथ ही नदी किनारे एक अतिरिक्त नाला (चैनल) भी बनाया गया, जिससे पानी का बहाव बढ़ सका। इसी बीच, एनडीआरएफ की टीम ने दो नावों की मदद से झील की गहराई मापी, जो लगभग 15 फीट पाई गई।

सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त चैनल बनाने और मलबा हटाने से झील पर बना दबाव काफी हद तक कम हुआ है। इससे पहले, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, आईआईटी-रुड़की, सीबीआरआई-रुड़की और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की संयुक्त टीम ने झील का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों की सिफारिश पर अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के गोताखोरों को झील की गहराई और जल प्रवाह का सटीक आकलन करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

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