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गंगा का जलस्तर बढ़ा, ऋषिकेश में बारिश बनी मुसीबत

ऋषिकेश में लगातार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार सुबह चेतावनी रेखा 339.50 मीटर के बेहद करीब 339.44 मीटर तक पहुंच गया, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। बरसाती नदियां चंद्रभागा, खारास्रोत और बीन नदी भी उफान पर हैं। नदियों के किनारे बसे इलाकों में जलभराव और तेज बहाव के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार यह इस मानसून का सबसे लंबा और तीव्र वर्षा काल है। रविवार शाम से शुरू हुई मूसलधार बारिश मंगलवार तक रुक-रुक कर जारी रही। सोमवार रात से फिर बारिश ने रफ्तार पकड़ी और मंगलवार को दोपहर बाद पुनः तेज वर्षा शुरू हो गई, जिससे बाजारों में सन्नाटा छा गया और लोग घरों में ही रहने को मजबूर हो गए।

गंगा के जलस्तर में दिन के दौरान उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दोपहर दो बजे जलस्तर 339.35 मीटर और शाम पांच बजे तक घटकर 338.94 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि, खतरा पूरी तरह टला नहीं है क्योंकि भारी बारिश का दौर अब भी जारी है।

नदियों के पास रहने वालों को सतर्क किया गया
एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। एसडीआरएफ इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि त्रिवेणी घाट, जानकी पुल और अन्य संवेदनशील घाटों पर निरीक्षण किया गया है और लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। नदी किनारे रहने वालों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।

मुनिकीरेती क्षेत्र में विशेष निगरानी
मुनिकीरेती थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप चौहान ने बताया कि खरास्रोत, चंद्रभागा और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस टीम लगातार निगरानी कर रही है। लाउड हेलर और मोबाइल वाहन के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। कई स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया गया है।

प्रशासन ने एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन को भी हाई अलर्ट पर रखा है। भारी बारिश और जलस्तर में वृद्धि की स्थिति को देखते हुए एहतियातन सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। फिलहाल राहत की कोई स्पष्ट संभावना नजर नहीं आ रही है क्योंकि आसमान में अभी भी घने बादल छाए हुए हैं।

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