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धामी कैबिनेट विस्तार और फेरबदल नवरात्रि तक स्थगित?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि उनका हालिया दिल्ली दौरा निजी दौरा था। दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली आए सीएम धामी गुरुवार सुबह देहरादून लौट आए। वापस लौटने पर पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि दिल्ली में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा नहीं हुई। दिल्ली दौरे के दौरान सीएम केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटों की शादी के बाद आयोजित रिसेप्शन में शामिल हुए। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद सीएम के दिल्ली दौरे से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को बल मिला है। कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम 23 मार्च से पहले कभी भी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। 23 मार्च को सीएम के तौर पर तीन साल पूरे हो जाएंगे। सीएम के निजी दौरे वाले बयान के बाद अब साफ हो गया है कि धामी मंत्रिमंडल में जगह पाने के इच्छुक लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। अब माना जा रहा है कि 30 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल हो सकता है।

यह भी पता चला है कि धामी सरकार मंत्रिमंडल विस्तार से पहले पदों पर नियुक्ति कर सकती है। राज्य मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल से पहले भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति भी हो सकती है। कई बोर्ड, आयोग और समितियों में दो दर्जन से ज्यादा पद इस समय खाली हैं। इन पदों पर भाजपा के कई नेता काफी समय से नजर गड़ाए हुए हैं। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति, उत्तराखंड वन विकास निगम, गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम समेत अन्य में शीर्ष पद खाली हैं। बताया जाता है कि प्रदेश भाजपा संगठन ने राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए करीब 30 नेताओं के नामों की सूची सौंपी है।

हाल ही में धामी मंत्रिमंडल से प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। अब मंत्रिमंडल में रिक्तियों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। माना जा रहा है कि सीएम अपनी टीम में फेरबदल कर कुछ विवादित और खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को हटा सकते हैं। अभी मंत्रिमंडल में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों का प्रतिनिधित्व नहीं है।

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