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बागेश्वर में गुलदार पकड़ी गई, एक साल के आतंक पर विराम

कांडा तहसील के पतौंजा गांव में पिछले एक साल से आतंक मचा रही पांच वर्षीय मादा गुलदार को आखिरकार वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया। यह गुलदार उसी स्थान पर पकड़ी गई, जहां उसने हाल ही में एक महिला पर हमला किया था। ग्रामीणों ने गुलदार के पकड़े जाने पर राहत की सांस ली है, क्योंकि यह मवेशियों को मारने के साथ-साथ गांव में दहशत का कारण बनी हुई थी।

घटना का विवरण

पतौंजा गांव में पिछले एक साल से गुलदार का आतंक छाया हुआ था। हाल ही में, इस मादा गुलदार ने एक महिला पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला का इलाज कांडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और जिला अस्पताल में हुआ। इसके अलावा, पिछले साल माणा कभड़ा क्षेत्र में गुलदार ने एक मासूम बच्चे को भी शिकार बनाया था। इन घटनाओं के बाद ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई थी, और गुलदार आसपास के गांवों में भी दिखाई देने लगा था।

वन विभाग की कार्रवाई

वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए ट्रैप कैमरे और पिंजरे लगाए। ट्रैप कैमरों में गुलदार बार-बार रिकॉर्ड हो रहा था। 13 सितंबर 2025 को पिंजरा लगाया गया, और गुरुवार देर शाम गुलदार आखिरकार उसमें कैद हो गया। रेंजर दीप चंद्र जोशी ने बताया कि गुलदार को वर्तमान में कांडा लीसा डिपो में रखा गया है। पशु चिकित्सकों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें वह स्वस्थ पाई गई। गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और इसके लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

गुलदार के पकड़े जाने से पतौंजा और आसपास के गांवों में रहने वाले लोग राहत महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस गुलदार ने न केवल उनके मवेशियों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि बच्चों और महिलाओं के लिए भी खतरा बन गया था। अब वन विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है।

आगे की योजना

वन विभाग गुलदार को जल्द से जल्द रेस्क्यू सेंटर स्थानांतरित करने की तैयारी में है। रेंजर जोशी ने आश्वासन दिया कि इस कार्रवाई से क्षेत्र में गुलदार के आतंक से स्थायी निजात मिलेगी। विभाग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सतर्कता बरतने की योजना बना रहा है।

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