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धामी ने कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चंपावत जिले के टनकपुर स्थित पर्यटक अतिथि गृह से प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पांच साल के अंतराल के बाद यह यात्रा फिर से शुरू हो रही है। पहले कोविड-19 महामारी और फिर भारत-चीन सीमा पर तनाव के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से बातचीत की और उनका उत्तराखंड में स्वागत किया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा का हिस्सा बनने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आध्यात्मिक जागृति का मार्ग है।

धामी ने कहा कि उत्तराखंड की पावन धरती के कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैं। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रह गई है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघकर भगवान शिव से मिलने का सशक्त माध्यम बन गई है। जिस यात्रा में पहले सात दिन या उससे अधिक समय लगता था, वह अब कुछ ही घंटों में संभव हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। मुख्यमंत्री ने भगवान शिव से सभी तीर्थयात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की प्रार्थना कीमुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से संबंधित स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिरीक्षक (आईजी) एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा के जनसंपर्क अधिकारी संजय गुंजियाल, कुमाऊं आईजी रिधिम अग्रवाल, कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर, चंपावत के जिलाधिकारी मनीष कुमार, पिथौरागढ़ के डीएम विनोद गोस्वामी आदि मौजूद थे।

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